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नमो नमो निम्मलदंसणस्स
आगमसत्र-११ हिन्दी अनुवाद
विपाक सूत्र
Folder - 04 आगम-सूत्र हिन्दी अनुवाद Net कुल किताबें 7 47 भाषा- हिन्दी, कुल पृष्ठ 3648
मुनि दीपरत्नमार
इस चौथे फोल्डर में हमने हमारे ४७ प्रकाशनों को सम्मिलित किया है, जो कि अर्धमागधी भाषा में प्ररूपित 90000 श्लोकप्रमाण मूल 45 मूल आगमसूत्र का संपूर्ण हिन्दी अनुवाद है।
45+2 आगमो के गुजराती अनुवाद के बाद हमने उसी 47 आगमो का हिन्दीअनुवाद भी किया था, जो 12 भागो में print करवाया था, उसी प्रकाशन को अब अलग-अलग 47 किताबो के रूपमें इंटरनेट पर अपलोड कर दिया है | आप अगर इसे देखना चाहे तो इंटरनेट पर 'www.jainelibrary.org' खोलकर, search में जा कर Deepratnasagar लिखिए और पाइए मेरे सभी प्रकाशन 'टोटल फ्री' |
गुजराती-अनुवाद के अनुभव को नजर के सामने रखकर हमने हिन्दी अनुवाद करते समय अर्थ का विस्तार और पेरेग्राफो में आवश्यक वृद्धि कर दी, परिणाम स्वरुप यहाँ 287 पेज बढ़ गए |
हिन्दीभाषी महात्मा भी आगम के पदार्थज्ञान से वंचित न रहे, ऐसे आशय से तैयार किया गया ये सम्पुट साहित्यिक मूल्यवाला तो है ही, साथमें गुजराती-भाषी आगमरसिको के लिए भी ये प्रकाशन महत्वपूर्ण सन्दर्भशास्त्र बन चुका है, क्योंकि मूल-आगम, गुजराती-अनुवाद और हिन्दी अनुवाद तीनो में सूत्र-क्रमांकन एक समान ही है, जिस से एक साथ तिन भाषा में आप सरलता से 45 आगम देख शकते है |
ये किताबे 8.75 x 5.75 की साईझ में print हुई है। ये एक net-publication है जिसे कोई भी फ्री डाउनलोड कर शकता है |
- मुनि दीपरत्नसागर
Muni DeepratnaSagar's 585 Books [1,03,130 Pages] |
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