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भागमहीय-3
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મુનિ દીપરત્નસાગર
नमो नमो निम्मलदंसणस्स
Folder - 03
આગમ-સૂત્ર ગુજરાતી અનુવાદ Net
कुल किताबें → 47 भाषा- गुजराती, कुल पृष्ठ 3397
इस तीसरे फोल्डर में हमने हमारे ४७ प्रकाशनों को सम्मिलित किया है, जो कि अर्धमागधी भाषा में प्ररूपित मूल आगमसूत्र का संपूर्ण गुजराती अनुवाद है ।
हमारे मूल 45 आगम अर्धमागधी भाषामें है, जो साधु-साध्वी भाषा - ज्ञानसे वंचित है, शास्त्रीय कारण से आगम का पठन नहीं कर शकते है, आगमो की वांचना प्राप्त नही कर शकते है, इत्यादि कारणो से वे आगमिक पदार्थों के बोध को प्राप्त न हुए हो, ऐसे भव्यात्माए 'कल्पसूत्र' की तरह सरलतासे आगमो का अभ्यास कर शके या बोध प्राप्त कर शके, तथा भवभीरु आत्माए अपना जीवन मार्गानुसार बना शके ऐसा ये प्रकाशन है, जो 8.75 x 5.75 की साईझ में print हुए है |
इस संपुटमें 45 आगम मूल एवं 2 वैकल्पिक आगमो के साथ ४७ आगमो का अक्षरश: गुजराती- अनुवाद है | हमने पहले ये अनुवाद 7 भागोमें print करवाया था, ● अभी ये अलग-अलग 47 किताबो के रूप में इंटरनेट पर है | आप अगर इसे देखना चाहे तो इंटरनेट पर 'www.jainelibrary.org' खोलकर, search में जा कर Deepratnasagar लिखिए और पाइए मेरे सभी प्रकाशन 'टोटल फ्री' |
अंदाजित 90000 श्लोकप्रमाण मूल अर्धमागधी 45 आगमो का ये समग्र विश्व में सर्वप्रथम और एकमात्र गुजराती अनुवाद है । इस प्रकाशन की यह विशेषता है कि मूल आगम में उपयोजित क्रमांकन का ही यहाँ स्वीकार किया है, ताँकि स्वाध्याय करते वक्त मूल एवं गुजराती अनुवाद साथसाथ पढ़ सके ।
ये एक net-publication है जिसे कोई भी फ्री डाउनलोड कर शकता है |
मुनि दीपरत्नसागर |Muni DeepratnaSagar's 585 Books [1,03,130 Pages] Email: jainmunideepratnasagar@gmail.com
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..कृतियाँ के 31 फोल्डर्स का परिचय
दीपरत्नसागर की 585 साहित्य........
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