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________________ मूलाका: ५०+२१ आवश्यक मूल-सूत्रस्य विषयानुक्रम (भाग- 1 से 3) mes दीप-अनुक्रमा: ९२ मलांक: अध्ययनं पृष्ठांक नियुक्ति | पीठिका " ००d भाष्य भाग-11 --मंगलं मलांक: अध्ययनं | मलांक: अध्ययनं पृष्ठांक: ०१-०२ १-सामायिकं 2/३०० आवश्यक सटीकं (संक्षिप्त) विषयानुक्रम नि./भा. | --उपोदघात-निर्यक्ति: | पृष्ठांक | नि./भा. | अध्ययनं-१- सामायिक | पृष्ठांकः | ०८१ --वीरआदिजिनवक्तव्यता ८९० नमस्कार-व्याख्या २११ ३४३ --भरतचक्री-कथानक ९१९ अर्हत, सिद्धादेः नियुक्ति: । | २१८ भा.०३९ --बलदेव-वासुदेव कथानक ९६० | सिद्धशिला वर्णनं २९२ भाग-21 ९९३ | आचार्य-आदीनाम निक्षेपा: २९४ | --समवसरण वक्तव्यता ०३४ ५८८ --गणधर वक्तव्यता ०४३ १०१३ | सामायिक- व्याख्या, ६६६ --दशधा सामाचारी ०५० उद्देश-वाचना-अनुज्ञा आदिः ७५४ --निक्षेप, नय, प्रमाणादि सूत्र स्पर्श भगा: --निहनव वक्तव्यता १२३ सामायिक-उपसंहार: ७८९ | --सामायिकस्वरुपम् ८१२ --गति आदि दवाराणि १४९ -ज्ञानस्य पञ्चप्रकारा: ०१३ |-उपक्रम-आदिः وایه واما - १३९ पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधिता मुनि दीपरत्नसागरेण संकलिता: आगमसूत्र-[४०]मूलसूत्र [१] आवश्यकनियुक्ति: एवं जिनभद्रगणिरचिता चूर्णि-2 (10)
SR No.035054
Book TitleSachoornik Aagam Suttaani 05 Aavashyak 2 Niryukti Evam Churni Aagam 40
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherParam Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad
Publication Year2017
Total Pages328
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_aavashyak
File Size26 MB
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