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[भाग-३९] अनुयोगद्वार (चूलिकासूत्रम् - २)
नमो नमो निम्मलदंसणस्स
पूज्य श्रीआनंद- क्षमा- ललित-सुशील सुधर्मसागर गुरुभ्यो नमः
“अनुयोगद्वार" मूलं एवं वृत्तिः
[मूलं + मलधारगच्छीय-हेमचन्द्रसूरि-रचिता वृत्तिः ]
[आद्य संपादकश्री]
पूज्य आगमोद्धारक आचार्यदेव श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी म. सा. (किञ्चित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह )
पुनः संकलनकर्ता मुनि दीपरत्नसागर (M.Com., M.Ed., Ph.D., श्रुतमहर्षि)
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'सवृत्तिक-आगम-सुत्ताणि' श्रेणि भाग-39
28/07/2017, शुक्रवार, २०७३ श्रावण शुक्ल ५
श्री आगमोद्धारक - वाचना- शताब्दी वर्ष - निमित्त 'आगम-वृत्ति - मुद्रण- प्रोजेक्ट'
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