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[२३] श्री वृष्णिदशा (उपांगसूत्रम्-१२)
नमो नमो निम्मलदसणस्स पूज्य श्रीआनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नमः
"वृष्णिदशा" मूलं एवं वृत्ति:
[मूलं एवं चन्द्रसूरि-विरचिता वृत्तिः]
[आद्य संपादकश्री] पूज्य आगमोद्धारक आचार्यदेव श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी म. सा.
(किञ्चित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह) पुन: संकलनकर्ता→ मुनि दीपरत्नसागर (M.Com., M.Ed., Ph.D.,श्रुतमहर्षि)
28/07/2017, शुक्रवार, २०७३ श्रावण शुक्ल ५
'सवृत्तिक-आगम-सुत्ताणि' श्रेणि भाग-२६
मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित...आगमसूत्र-[२३], उपांग सूत्र-[१२] “वृष्णिदशा" मूलं एवं चन्द्रसूरि-विरचिता वृत्ति:
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