________________
[२२] श्री पुष्पचूलिका (उपांगसूत्रम्-११)
नमो नमो निम्मलदंसणस्स पूज्य श्रीआनंद-क्षमा-ललित-सुशील-स्धर्मसागर गुरूभ्यो नम:
"पुष्पचूलिका" मूलं एवं वृत्ति:
[मूलं एवं चन्द्रसूरि-विरचिता वृत्तिः]
[आद्य संपादकश्री] पूज्य आगमोद्धारक आचार्यदेव श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी म. सा.
(किञ्चित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह) पुन: संकलनकर्ता- मुनि दीपरत्नसागर (M.Com., M.Ed., Ph.D..श्रुतमहर्षि)
28/07/2017, शुक्रवार, २०७३ श्रावण शुक्ल ५
'सवृत्तिक-आगम-सुत्ताणि' श्रेणि भाग-२६
मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित......आगमसूत्र-[२२], उपांग सूत्र-[११] “पुष्पचूलिका' मूलं एवं चन्द्रसूरि-विरचिता वृत्ति:
~88~