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आगम
(१४)
प्रत
सूत्रांक
[२३९]
दीप
अनुक्रम
[३६४]
[भाग-१७] “जीवाजीवाभिगम” – उपांगसूत्र - ३ /२ (मूलं + वृत्तिः )
उद्देशक: [-],
• मूलं [ २३९ ]
प्रतिपत्ति: [ ५ ], पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित ... आगमसूत्र - [१४] उपांगसूत्र- [३] "जीवाजीवाभिगम" मूलं एवं मलयगिरि-प्रणीता वृत्तिः
असंखेज़गुणा मुहुमणिओदा पज्ज० दव्बट्टयाए संखेज्जगुणा सुद्दमणिओएहिंतो दव्बट्टयाए बा यरणिओदजीवा पत्ता दव्वट्टयाए अनंतगुणा वायरणिओदजीवा अपज्जत्ता दुव्वट्टयाए असंखेज्जगुणा सुमणिओदजीवा अपजस्ता दव्वट्टयाए असंखेज़गुणा सुहमणिओयजीवा पत्ता दव्या संखेनगुणा, पएसहयाए सव्वत्थोवा बायरणिओदजीवा पज्जत्ता परसट्टयाए बायरणिओदा अपत्ता पसट्टयाए असंखे० सुहुमणिओयजीवा अपजत्तया परसट्टयाए असंखेज्जगुणा सुमणिगोदजीवा पज्ञता परसट्टयाए संखेजगुणा सुकुमणिओदजीवेहिंतो पएसयाए बाघरणिगोदा पत्ता पदेसट्टयाए अनंतगुणा, वायरणिओया अपजता पएस० असंखेजगुणा जाव सुमणिओया पत्ता परसट्टयाए संखेजगुणा, बहुपए सपाए सन्यस्थोवा वायरणिओया पत्ता व्याए वायरणिओदा अपजत्ता दुबट्टयाए असंखेजगुणा जाव सुहुमणिगोदा पत्ता दट्टयाए संखेज्जगुणा सुहुमणिओदाहिंतो दच्बट्टयाए वायरणिओदजीवा पजता दव्बट्टयाए अनंतगुणा सेसा तहेब जाव सुमणिओदजीवा पजत्तगा दव्बट्टयाए संखेजगुणा सहमणिओयजीवेहिंतो पजत्तएहिंतो दुव्वट्टयाए पायरणिओयजीया पत्ता पदेसट्टयाए असंखेजगुणा सेसा तहेव जाब सुहमणिओया पज्जत्ता परसट्टयाए संखेज्जगुणा || सेन्तं छव्विहा संसारसभावण्णगा ॥ ( सू० २३९ )
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