SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 300
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आगम (१४) [भाग-१६] “जीवाजीवाभिगम" - प्रतिपत्ति : [३], ----------------------- उद्देशक: [(मनुष्य)], -------------------- मूलं [१११] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..आगमसूत्र- [१४], उपांगसूत्र- [२] "जीवाजीवाभिगम" मूलं एवं मलयगिरि-प्रणीता वृत्ति: प्रत सूत्रांक [१११] श्रीजीवाजीवाभि० मलयगिरीयावृत्तिः प्रतिपत्ती मनुष्या61 धि उद्देशः१ ४०१११ ॥१४५॥ दीप -RRC-02 अनुक्रम [१४५] मणुस्सा य मणुस्सीओ य आसयंति जाब विहरति, एगुरूयदीवे णं दीवे तत्य तत्थ देसे तहिं २ बहवे उद्दालका कोहाल का कनमाला णयमाला णट्टमाला सिंगमाला संग्खमाला दंतमाला सेलमालगा णाम सुमगणा पण्णत्ता समणाउसो! कुसविकुसविसुद्धमक्खमूला मूलमंतो कंदमंतो जाव बीयमलो पत्तेहि प पुरफेहि य अच्छषणपहिच्छपणा सिरीण अतीव २ उपसोभेमाणा उपसोहेमाणा चिटुंति, एकोग्यदीवे पां दीये लक्खा बहवे हेरुयालवणा मेस्यालवणा मेरुयालयणा सेझयालवणा सालवणा सरलवणा सत्तवणवणा पूतफलिवणा ग्वजरिवणा णालिपरिवणा कसबिकुसति जाय चिट्ठति, एगुरुढीचे णं तस्थ २ यहवे तिलया लवया नग्गोधा जाय रायकवा पंदिस्यग्या कुसविकुसवि० जाब चिट्ठति, एगुरुयदीवेणं तत्थ यहओ पउमलयाओ जाय सामलयाओ निचं कुसुमिताओ एवं लयावण्णओ जहा उववाइए जाय पडिरूवाओ, एकोख्यदीवे णं तस्थ २ बहवे सेरियागुम्मा जाव महाजातिगुम्मा ते णं गुम्मा दसद्धवषणं कुसुमं कुसुमंति विधूयग्गसाहा जेण वायविधूयम्गसाला एगुरुयदीवस्स बहसमरमणिजभूमिभागं मुक्कपुष्फपुंजोबयारकलियं करेंति, एकोस्यदीवे णं तत्थ २ बहओ बणरातीओ पण्णत्ताओ, ताओ णं वणरातीतो किण्हातो किण्होभासाओ जाव रम्माओ महामेहणिगुरुवभूताओ जाव महतीं गंधद्धणिं मुयंतीओ पासादीताओ४ । एगुरूयदीवे तस्थ २ यहवे मत्तंगा णाम दुमगणा पण्णत्ता समणा C १४५॥ अत्र मूल-संपादने शिर्षक-स्थाने एका स्खलना वर्तते-मनुष्योद्देशक: एक एव वर्तते, तत् कारणात् उद्देश:- १' अत्र १ इति निरर्थकम् ~300~
SR No.035016
Book TitleSavruttik Aagam Sootraani 1 Part 16 Jivajivabhigam Mool evam Vrutti Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherVardhaman Jain Agam Mandir Samstha Palitana
Publication Year2017
Total Pages480
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_jivajivabhigam
File Size116 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy