SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 346
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आगम (१२) भाग-१४ “औपपातिक" - उपांगसूत्र-१ (मूलं+वृत्ति:) ----------- मूलं [४१] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..आगमसूत्र-[११], अंगसूत्र-[११विपाकश्रुत” मूलं एवं अभयदेवसूरिरचिता वृत्ति: ACANADANG प्रत सूत्रांक [४१] ठिती पण्णता, परलोगस्स आराहगा, सेसं तं चेव १६।से जे इमे गामागर जाव संनिवेसेसु आजीविका भवंति, तंजहा-दुघरंतरिया तिघरंतरिया सत्तघरंतरिया उप्पलटिया घरसमुदाणिया विजुअंतरिया उट्टियासमणा, तेणं एयारवेणं विहारेणं विहरमाणा बहूई वासाई परियाय पाउणित्ता कालमासे कालं किचा उक्कोसेणं |अजुए कप्पे देवत्ताए उबवत्तारो भवंति, तहिं तेसिं गती बावीसं सागरोबमाई ठिती, अणाराहगा, सेसं तं घेव १७ । से जे इमे गामागर जाव सपिणवेसेसु पब्वइया समणा भवंति, तंजहा-अत्तुकोसिया परपरिवाइया भूइकम्मिया भुजोर कोज्यकारका, ते णं एयारवेणं विहारेण विहरमाणा बहई वासाई सामपणपरियागं पाउणंति पाउणित्ता तस्स ठाणस्स अणालोइयअपडिता कालमासे कालं किया उकोसेणं| अञ्चुए कप्पे आभिओगिएम देवेसु देवत्ताए उववत्तारो भवंति, तर्हि तेर्सि गई बावीसं सागरोवमाई ठिई परलोगस्स अणाराहगा, सेसं तं चेव.१८ । सेजे इमे-गामागर जाव सण्णिवेसेसु णिण्हगा भवंति, तंजहा|बहुरया १ जीवपएसिया २ अन्वत्तिया ३ सामुच्छेइया ४ दोकिरिया ५ तेरासिया ६ अबद्धिया ७ इचेते सत्त पवयणणिपहगा केवल(लं)चरियालिंगसामण्णा मिच्छद्दिही बहुहिं असम्भावुभावणाहिं मिच्छत्ताभिपिवेसेहि य अप्पाणं च परं च तदुभयं च बुग्गाहेमाणा वुप्पाएमाणा बिहरिता बहई वासाई सामण्णपरियागं पाउणंति २कालमासे कालं किचा उक्कोसेणं उपरिमेसु गेवेजेसु देवत्ताए उववत्तारो भवति, तहिं तेसिंगती। एकत्तीसं सागरोवमाई ठिती, परलोगस्स अणाराहगा, सेसं तं चेष १९ से जे इमे गामागर जाव सपिण दीप अनुक्रम CRACMC-SETOG ~346
SR No.035014
Book TitleSavruttik Aagam Sootraani 1 Part 14 Vipakshrut and Auppatik Mool evam Vrutti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherVardhaman Jain Agam Mandir Samstha Palitana
Publication Year2017
Total Pages384
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_vipakshrut
File Size81 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy