SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 510
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भाग कुलपृष्ठ ६०८ ३६८ ४१६ ३३६ ३०४ ३२० ४५६ ४३२ सवत्तिक-आगम-सत्ताणि भाग १ से ४० में कहां क्या मिलेगा? इस भागमे समाविष्ट आगम के नाम और आगम-क्रम आगम १७ चन्द्रप्रज्ञप्ति मूलं एवं वृत्ति. आगम१८ जंबूद्विपप्रज्ञप्ति भाग-१ मूलं एवं वृत्ति. वक्षस्कार- १ एवं २. आगम१८ जंबूद्विपप्रज्ञप्ति भाग-२ मूलं एवं वृत्ति. वक्षस्कार- ३ एवं ४. आगम१८ जंबूद्विपप्रज्ञप्ति भाग-३ मूलं एवं वृत्ति. वक्षस्कार-५ से ७. आगम १९ थी ३२ निरयावलिका, कल्पवतंसिका, पुष्पिका, पुष्पचूलिका, वृष्णिदशा, चतुःशरण, आतुरपरत्याख्यान, महाप्रत्याख्यान, भक्तपरिज्ञा, तंदुलवैचारिक, संस्तारक, गच्छाचार, गणिविदया, देवेन्द्रस्तव मूलं एवं छाया आगम ३३ थी ३९ मरणसमाधि मूलं एवं छाया, निशीथ, बुहत्कल्प, व्यवहार, दशाश्रुतस्कंध, जीतकल्प/पंचकल्प, महानिशीथ मूलं एव आगम ४० आवश्यक मूलं एवं वृत्ति, भाग-१, नियुक्ति- १ से १२१ । | आगम ४० आवश्यक मूलं एवं वृत्ति, भाग-२, नियुक्ति- ५२२ से ९५१ आगम ४० आवश्यक मूलं एवं वृत्ति, भाग-३ नियुक्ति- ९५२ से १२७३ अपूर्ण, [अध्ययन- १ से ४ अपूर्ण] आगम ४० आवश्यक मूलं एवं वृत्ति, भाग-४ नियुक्ति- १२७३ अपूर्ण से १६२३, [अध्ययन- ४ अपूर्ण से ६ संपूर्ण] आगम ४१/१ ओघनियुक्ति मूलं एवं वृत्ति.. आगम ४१/२ पिंडनियुक्ति मूलं एवं वृत्ति. आगम ४२ दशवैकालिक मूलं एवं वृत्ति. आगम ४३ उत्तराध्यन मूलं एवं वृत्ति, भाग-१, अध्ययन- १ से ५ आगम ४३ उत्तराध्यन मूलं एवं वृत्ति, भाग-२, अध्ययन- ६ से २१ आगम ४३ उत्तराध्यन मलं एवं वृत्ति, भाग-३, अध्ययन- २२ से ३६ आगम ४४ नन्दिसूत्र मूलं एवं वृत्ति. आगम ४५ अनुयोगद्वार मूलं एवं वृत्ति. | कल्प[बारसासूत्र... चतुःशरण, तन्दुलवैचारिक, गच्छाचार मूलं एवं वृत्ति. ४५६ ४१६ ४६४ ૩૬૮ ५८४ ५१२ ४७२ ४५६ ५२० ५५२ ४०० ~510~
SR No.035010
Book TitleSavruttik Aagam Sootraani 1 Part 10 Bhagavati Mool evam Vrutti Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherVardhaman Jain Agam Mandir Samstha Palitana
Publication Year2017
Total Pages514
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size111 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy