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________________ आगम (०५) [भाग-१०] "भगवती"-अंगसूत्र-५ (मूलं+वृत्ति:) शतक [१९], वर्ग [-], अंतर-शतक [-], उद्देशक [३], मूलं [६५२] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..आगमसूत्र- [०५] अंगसूत्र- [०५] "भगवती" मूलं एवं अभयदेवसूरि-रचिता वृत्ति: प्रत सूत्रांक [६५२] दीप अनुक्रम [७६३] व्याख्या- | स च प्रतीत एव, 'जावइया सरीर'त्ति यावन्ति शरीराणि प्रत्येकशरीरत्वात्तेषामसोयान्येव 'से एगे सुहुमै तेउस- १९ शतके प्रज्ञप्तिः रीरेत्ति तदेकं सूक्ष्मतेजःशरीरं तावच्छरीरप्रमाणमित्यर्थः ॥ प्रकारान्तरेण पृथिवीकायिकावगाहनाप्रमाणमाह | उद्देशा३ अभयदेवी-|| पुढविकाइयस्स भंते ! केमहालिया सरीरोगाहणा पन्नत्ता ?, गोपमा! से जहानामए रन्नो चाउरंतच-IX पृथ्व्यादिया वृत्तिः कवहिस्स वन्नगपेसिया तरुणी बलवं जुग जुवाणी अप्पायंका वन्नओ जाब निउणसिप्पोवगया नवरं चम्मेढ-II शरीरमह तावेदने ॥७६६॥ दुहणमुट्ठियसमाहरणिचियगत्तकाया न भणति सेसं तं चेव जाव निउणसिप्पोवगया तिक्खाए वय-11 सू६५३ रामईए सहकरणीए तिक्खेणं वइरामएणं वट्टावरएणं एगं महं पुढविकाइयं जतुगोलासमाणं गहाय पडि-II साहरिय प०२ पडिसंखिविय पडि०२ जाव इणामेवत्तिकट्ठतिसत्तक्खुत्तो उप्पीसेज्जा तत्थ णं गोयमा ! अ-12 स्थगतिया पुदविकाइया आलिद्धा अत्थेगइया पुढविकाइया नो आलिद्धा अस्थेगइया संघट्टि(हिया अत्धेगड्या नो संघहि(वि)या अत्थेगइया परियाविया अस्थेगइया नो परियाविया अत्धेगइया उद्दविया अत्गइया नोद उद्दविया अत्धेगहया पिट्ठा अत्धेगतिया नो पिट्ठा, पुढविकाइयस्स णं गोयमा! एमहालिया सरीरोगाहणा प-12 पणत्ता । पुढविकाइएणं भंते ! अझते समाणे केरिसियं वेदणं पच्चणुब्भवमाणे विहरति ?, गोयमा ! से जहादिनामए के पुरिसे तरुणे बलवं जाव निउणसिप्पोवगए एगं पुरिसं जुन्नं जराजज्जरियदेहं जावदुब्बलं किलंत जमलपाणिणा मुद्धाणंसि अभिहणिज्जा से गं गोयमा! पुरिसे तेणं पुरिसेणं जमलपाणिणा मुद्धाणंसि अभि- ७६६॥ हए समाणे केरिसियं वेदणं पचणुन्भवमाणे विहरति !, अणिटुं समणाउसो, तस्स णं गोयमा! पुरिसस्स AREE ~441
SR No.035010
Book TitleSavruttik Aagam Sootraani 1 Part 10 Bhagavati Mool evam Vrutti Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherVardhaman Jain Agam Mandir Samstha Palitana
Publication Year2017
Total Pages514
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size111 MB
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