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________________ आगम (०५) [भाग-१०] "भगवती"-अंगसूत्र-५ (मूलं+वृत्ति:) शतक [१६], वर्ग -1, अंतर्-शतक [-], उद्देशक [५], मूलं [५७३-५७५] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..आगमसूत्र- [०५] अंगसूत्र- [०५] "भगवती" मूलं एवं अभयदेवसूरि-रचिता वृत्ति: शा प्रत सूत्रांक मज्ञप्तिः४ओरि [५७३ -५७५]] व्याख्या- पोग्गला परिणया नो अपरिणया, तं माथिमिच्छदिट्ठीउववन्नगं एवं पडिहणइ २ ओहिं पउंजह ओहिं २ मम १६ शतके ओहिणा आभोएड ममं २ अयमेयारूवे जाव समुप्पज्जित्था-एवं खलु समणे भगवं महावीरे जंबुद्दीवे २४ | उद्देशः ५ अभयदेवी- जेणेव भारहे बासे जेणेव उल्लयतीरे नगरे जेणेव एगजंबुए चेइए अहापडिरूवं जाब विहरति, तं सेयं खलु मे परिणममा. पातासमण भगवं महावीर वंदित्ता जाव पजुवासित्ता इमं एयारूवं वागरणं पुच्छिराएसिकटु एवं संपेहेइ एवं १७०६॥ संपेहित्ता चउहिवि सामाणियसाहस्सीहिं परियारो जहा सूरियाभस्स जाव निग्घोसनाइयरवेणं जेणेव जंबु-8 ता:सू५७४ दहीवे २ जेणेव भारहे वासे जेणेव उलुयातीरे नगरे जेणेव एगर्जबुए चेइए जेणेच ममं अंतियं तेणेव पहारेस्थ || गहन्दत्तकृत तंवन्दनादि गमणाए, तए णं से सके देविंदे देवराया तस्स देवस्स तं दिवं देवहि दिवं देवजुर्ति दिवं देवाणुभागं दिवं सू ५७५ तेयलेस्सं असहमाणे मम अह उक्खित्तपसिणवागरणाई पुच्छह संभंतिय जाव पडिगए (सूत्रं ५७४) जावं च 8/ |णं समणे भगचं महावीरे भगवओ गोयमस्स एयमढें परिकहति तावं च णं से देवे तं देसं हवमागए, तए Wणं से देवे समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो बंदति नमंसति २ एवं वयासी-एवं खलु भंते ! महासुके कप्पे || महासामाणे विमाणे एगे मायिमिच्छदिटिउववन्नए देवे मर्म एवं बयासी-परिणममाणा पोग्गला नो परि-15 णया अपरिणया परिणमंतीति पोग्गला नो परिणया अपरिणया, तए णं अहं तं मायिमिच्छदिट्टिउपवनगं ॥७०६॥ देवं एवं वयासी-परिणममाणा पोग्गला परिणया नो अपरिणया परिणमंतीति पोग्गला परिणया णो अपरि-II णया, से कहमेयं मंते ! एवं १, गंगदत्सादिसमणे भगवं महावीरे मंगदत्तं एवं बयासी-अहंपि पं गंगदत्ता ! दीप अनुक्रम [६७३-६७५] weredturary.com ~321
SR No.035010
Book TitleSavruttik Aagam Sootraani 1 Part 10 Bhagavati Mool evam Vrutti Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherVardhaman Jain Agam Mandir Samstha Palitana
Publication Year2017
Total Pages514
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size111 MB
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