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पष्ठाक
मुलाक:
मूलाइका: ८६८ + ११४ भगवती (अङ्ग)सूत्रस्य विषयानुक्रम
दीप-अनुक्रमा: १०८७ मलाक:: विषय: मूलांक: _ विषयः
पृष्ठांक:
विषय:
पृष्ठांक: .....शतकं - १४ ... .....शतकं - १७
.....शतकं - १९ ६१५ | उद्देशक: ०६ आहार ७०६ | उद्देशक: ०४ क्रिया
७७० | उद्देशक: ०८ निर्वत्ति ६१८ | उद्देशक: ०७ संश्लिष्ट
७०८
| उद्देशका: ६-११ पृथ्व्यादिकाय |
७७४ | उद्देशक: ०९ करण ६२४ | उद्देशक: ०८ अंतर ७१५ | उद्देशक: १२ एकेन्द्रिय
७७५ | उद्देशक: १० व्यंतर ६३१ | उद्देशक: ०९ अनगार
७१६ | उद्देशका:१३-१७ नागादिकुमार ।
| शतक - २० ६३६ | उद्देशक: १० केवली
| शतकं - १८
७७९ | उद्देशक: ०१ बेईन्द्रिय शतकं - १५ ७२१ उद्देशक: ०१ प्रथम
७८१ | उद्देशक: ०२ आकाश ६३७ | --गोशालक ७२७ उद्देशक: ०२ विशाखा
७८३ उद्देशक: ०३ प्राणवध शतकं - १६ ७२८ उद्देशक: ०३ मार्कदीपुत्र
७८५ | उद्देशक: ०४ उपचय ६६० | उद्देशक: ०१ अधिकरण ७३३ उद्देशक: ०४ प्राणातिपात
७८६ उद्देशक: ०५ परमाण ६६६ | उद्देशक: ०२ जरा ७३६ उद्देशक: ०५ असुरकमार
७८९ | उद्देशक: ०६ अंतर ६७० | उद्देशक: ०३ कर्म ७४० उद्देशक: ०६ गडवर्णादि
७९२ | उद्देशक: ०७ बन्ध ६७२ | उद्देशक: ०४ जावंतिय ७४२ | उद्देशक: ०७ केवली
७९३ | उद्देशक: ०८ भूमि ६७३ | उद्देशक: ०५ गंगदत्त ७४९ | उद्देशक: ०८ अनगारक्रिया
८०१ | उद्देशक: ०९ चारण उद्देशक: ०६ स्वप्न ७५० | उद्देशक: ०९ भव्यद्रव्य
८०३ | उद्देशक: १० आय उद्देशक: ०७ उपयोग ७५३ उद्देशक: १० सोमिल
| शतक - २१ ६८३ | | उद्देशक: ०८ लोक
| शतकं - १९.....
८०६ वर्ग:१ शाली-आदि उद्देशक: ०९ बलिन्द्र ७५८ | उद्देशक: ०१ लेश्या
८१५ वर्गा:२-८ मूलअलसी, वंश, ६८८ | उद्देशक: १० अवधि
| उद्देशक: ०२ गर्भ
इक्ष,सेडिय, अमरुह, तुलसी ६८९ उद्देशक: ११-१४ दविपादि. ७६१ उद्देशक: ०३ पृथ्वी
शतकं - २२ शतक - १७..... ७६५ | उद्देशक: ०४ महाश्रव
८२२ वर्गा:१-६ताड़,निम्ब,अगस्ति ६९३ | उद्देशक: ०१ कुंजर ७६६ उद्देशक: ०५ चरम
| वेंगन, सिरियक,पुष्पकलिका ६९९ | उद्देशक: ०२ संयत ७६८ | उद्देशक: ०६ दवीप
| शतकं - २३ ७०३ | उद्देशक: ०३ शैलेशी ७६९ | उद्देशक: ०७ भवन
८२९ वर्गा:१-४आलू,लोही,आय,पाठा पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित...आगमसूत्र-[०५], अंग सूत्र-[०५] "भगवती" मूलं एवं अभयदेवसूरि-रचिता वृत्ति:
६७७
६८२
६८७
१७६०
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