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भाग
कुलपृष्ठ
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५८६
४९८
३९२
५९४
४९४
३३८ ५९२
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सवत्तिक-आगम-सत्ताणि भाग १ से ४० में कहां क्या मिलेगा?
इस भागमे समाविष्ट आगम के नाम और आगम-क्रम आगम ०१ आचार मूलं एवं वृत्ति भाग-१ श्रुतस्कन्ध-१, अध्ययन-१,२ आगम . आचार मूलं एवं वृत्ति, भाग-२ श्रुतस्कन्ध-१, अध्ययन- ३ से ९, श्रुतस्कन्ध- २ आगम ०२ सूत्रकृत मूलं एवं वृत्ति, भाग-१ श्रुतस्कन्ध-१, अध्ययन- १ से १३ आगम ०२ सूत्रकृत मूलं एवं वृत्ति, भाग-२ श्रुतस्कन्ध-१, अध्ययन १५ से १६, श्रुतस्कन्ध-२ आगम ०३ स्थान मूलं एवं वृत्ति, भाग-१ स्थान- १ से ४ आगम ०३ स्थान मूलं एवं वृत्ति, भाग-२ स्थान- ५ से १० संपूर्ण आगम ०४ समवाय मूलं एवं वृत्ति. आगम ०५ भगवती मूलं एवं वृत्ति, भाग-१ शतक-१ से ६ | आगम ०५ भगवती मूलं एवं वृत्ति, भाग-२ शतक-७ से ११
आगम ०५ भगवती मूलं एवं वृत्ति, भाग-३ शतक- १२ से २० आगम ०५ भगवती मूलं एवं वृत्ति, भाग-४ शतक- २१ से ४१ संपूर्ण आगम ०६ ज्ञाताधर्मकथा मूलं एवं वृत्ति. आगम-6,८,९,१०उपासकदशा, अंतकृतदशा, अनुत्तरोपपातिकदशा, प्रश्नव्याकरण मूलं एवं वृत्ति. आगम-११,१२, विपाक, उववाई मूलं एवं वृत्ति. | आगम १३ राजप्रश्नीय मूल एव वृत्ति. | आगम१४ जीवाजीवाभिगम भाग-१ मूलं एवं वृत्ति. [प्रतिपत्ति-३-अतर्गत] सूत्र-१ से १३८ आगम१४ जीवाजीवाभिगम भाग-२ मूलं एवं वृत्ति. [प्रतिपत्ति-३-अतर्गत] सूत्र- १३९ से प्रतिपत्ती-१० संपूर्ण आगम १५ प्रज्ञापना भाग-१ मूलं एवं वृत्ति. पद-१ से ५ | आगम १५ प्रज्ञापना भाग-२ मूलं एवं वृत्ति. पद-६ से २२ | आगम १५ प्रज्ञापना भाग-३ मूलं एवं वृत्ति. पद- २३ से ३६ संपूर्ण आगम १६ सूर्यप्रज्ञप्ति मूलं एवं वृत्ति.
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५२२
५३८ ३८४ ३१४ ४८० ४८८ ४२६ ५१४
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