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________________ ७९ शांतिमूरति निरषी करी जी । जिनवर इसठि जेह | लींबडी पाटकि आवीइ जी । सारंगदोसी गेह ॥९ ॥ सु० सप्तफणामणि पासजो रे । बार जिणेसर देषि । रायचंद दोसी घरि वली जी । शांति जिणेसर पेषि ॥ १० ॥ सु० सोल प्रतिमा अवर अछइ जी । रयणमयी पडिमा दोइ । शांति देers fear आवीइ जी । सोलम जिणेसरजोइ ॥ ११ ॥ सु० चौद प्रतिमा तिहां वंदीइ जी । लीजइ पूजी लाह । नव प्रासाद सोहामण जी । दीठउ मननइ उछाह ||१२|| सु० ॥ वीर जिणेसर दीए देसना ढाल ॥ १३ ॥ करणा साहा पाटकि अछइ ए । शीतल जिनवर देव तु । पेषिला ऊलट अति घणइ ए । सतसठि जिनवर सेव तु ॥ १३॥ - पूजीजइ शीतल सुंदरू ए| सुंदरमुख जीसिउ चंद तु । ते जिं दीपड़ दिनकरू ए || आंकणी ॥ दोसी व देहरासरू ए| श्रेयांस जिनवर सार तु तेर प्रतिमा अवर नमुं ए-भेदूं शेत्रुंज- अवतार तु ॥ १४ ॥ ५० ॥ दोसी वीरपाल घरि भणउं ए । ऋषभदयाल जिनदेव तु । बिंब अढार अरचीइ ए । महिता समरथ घरि हेव तु ॥ १५ ॥ पू० तिहां नमुं वामानंदनू ए । सतर बिब वली जुहारि तु । हरिचंद घरि कुंथु जिणेसरू ए । सात पडिमा मनोहारि तु ॥ ॥ १६ ॥ पू० ॥ । www.umaragyanbhandar.com Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
SR No.034999
Book TitlePatan Chaitya Paripati
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalyanvijay
PublisherHansvijayji Jain Free Library
Publication Year1926
Total Pages134
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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