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पूर्वखामपरस्या वा किं विधेयमिति प्रश्नः अत्रोत्तरं औदयिक्ये. कादश्यां श्रीहीरमूरिनिर्वाणपौषधादिविधेयम्"
अर्थः-एकादशीकी वृद्धि में श्रीहीरविजय सूरीजीके निर्वाणमहीमाका पौषध उपवास वगैरह कृत्य पहलीमें करना या दूस. रीमें यह प्रश्न है. औदयिकी-अर्थात् दूसरीमें श्रीहीरसूरिजीके निर्वाण संबंधी पौषध उपवास वगैरह करना, यही उस प्रश्नका पूज्यश्रीने उत्तर फरमाया है न ?
वकी०-'अर्थात् दूसरी' यह शब्द, आपके घरसे लायेहो या कोई अन्य स्थानसें ?
इन्द्र०-औदयिकीका अर्थ दसरी ही होता है ! देखिये पर्वतिथिप्रकाशमें जहां तहां औदयिकी शब्द आया है वहां 'दसरी' ही अर्थ किया है!
वकी०-जं० वि०ने लिखदिया और आपने मानलिया! आप जैसे लकीरके फकीरसेंही ऐसे नये मत निकालनेवालोंका काम चलता है. आप अपने अभ्यासकी ओर तो दृष्टिपात कीजिये __इन्द्र०-व्याकरणके नियमसे तो "उदये भवा औदयिकी" अर्थात उदयमें होनेवाली जो होबे सो औदयिकी ऐमा ही अर्थ होता है.
वकी०-अब कहिये आपके पूज्यश्रीने जो लिखा है वह अर्थ सच्चा है या झूठा है ?
इन्द्र०-इस तरहसे तो-याने व्याकरणके नियमसे तो दोनोही तिथियें औदयिकी है.
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