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________________ खुमान और उनका हनुमत शिखनख (६) नृसिंह चरित्र-विष्णु के अवतार भगवान नृसिंह के चरित्रों का वर्णन। इस पुस्तक की रचना सं० १८३६ में हुई। (७) नृसिंह पचीसी-पचीस कवित्तों में भगवान नृसिंह की प्रशंसा। (८) नीति-निधान-चरखारी के राजा खुमानसिंह (१७६५१७८५ ई० ) के सबसे छोटे भाई दीवान पृथ्वीसिंह का हाल । (६) अष्टयाम-चरखारी के राजा विक्रमसिंह का दैनिक कार्य-कलाप । (१०) समर-सार-ब्रिटिश सरकार से संबंध-स्थापन के संबंध में चरखारी के राजा विक्रमजीत बहादुर की जब बातचीत चल रही थी उस समय किसी ब्रिटिश अफसर के अनुचित व्यवहार के दमन करने में राजकुमार धर्मपाल के शौर्य का वर्णन । ___ उक्त पुस्तकों में से लक्ष्मण शतक तथा नीति-निधान के अतिरिक्त और किसी पुस्तक की मुद्रित प्रति हमारे देखने में नहीं आई है । लक्ष्मण शतक नामक पुस्तक काशी के भारतजीवन कार्यालय से प्रकाशित हुई है । इस पुस्तक की रचना बड़ी जोरदार है। इसमें काव्यगुण यथेष्ट मात्रा में प्रस्तुत है और इसके पढ़ने से इसके रचयिता की काव्यशक्ति का अच्छा परिचय मिलता है। हम इस काव्य को एक बार सभी कविता-प्रेमी पाठकों से पढ़ने का अनुरोध करेंगे। इधर हाल में अपने एक मित्र की कृपा से खुमान-कृत 'हनुमत शिखनख' की एक प्रति हमें देखने को मिली है। इसकी प्रतिलिपि छत्रसालपुरनिवासी ठाकुरप्रसाद नामक किसी व्यक्ति ने संवत् १९२५ में अपने पठनार्थ की है। यथा यह हनुमत सिखनख लिख्यो कबि ठाकुरपरसाद । छत्रसालपुर में समुझि, मास असाढ़ निनाद (१)॥ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034973
Book TitleNagri Pracharini Patrika Part 13
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaurishankar Hirashankar Oza
PublisherNagri Pracharini Sabha
Publication Year1933
Total Pages118
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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