________________
उसके कारण भी जमीन की जगह पानी और पानी के स्थान पर जमीन हो गयी। अनेक तानाशाहों के कारण भी इस भूमि के टुकडे हुए हैं। इसी प्रकार भौगोलिक परिस्थितियों के कारण भी भूप्रदेशों में परिवर्तन होता गया है। ___वैताठ्य पर्वत के उत्तर में भी विशाल भूप्रदेश है। यह मात्र ) अनार्य भूमि है। इस भूमि में तीर्थंकर चक्रवर्ती आदि शलाका पुरुषों : का जन्म नहीं होता। इसी कारण यहाँ के लोग आत्मधर्म से विमुख , हैं। चक्रवर्ती सम्राट छह खंडोंपर विजय प्राप्त करने के लिए वैतान्य पर्वत की तमिना गुफा को पार कर इस भूमि में प्रवेश करता है और यहाँ के अनार्य राजाओं पर विजय प्राप्त करता है।
भारत वर्ष का यह सौभाग्य है कि इस भूमि में शलाका पुरुषों ' . का जन्म होता है। कुल शलाका पुरुष तिरसठ हैं। चौबीस
तीर्थकर, बारह चक्रवर्ती, नौ वासुदेव, नौ बलदेव और नौ प्रतिमा . वासुदेव। ये सब शलाका श्रेष्ठ पुरुष हैं। तीर्थंकर परमात्मा के
प्रवचनों के कारण लोगों को अहिंसा, संयम और तप का ज्ञान होता है और वे धर्म की आराधना में लगते हैं। उनके समवसरण में
उपस्थित हो कर राजा-महाराजा और सेठ-साहूकार धर्मज्ञान प्राप्त न करते हैं और संयम धर्म की आराधना करते हैं। उन्ही के कारण इस
देश में भगवती अहिंसा की उपासना की जाती है और लोग दयालु
बनते हैं। आत्म-धर्म की उन्नति इसी प्रदेश में होती है। | भारत वर्ष के दक्षिण में महाराष्ट्र राज्य है। महाराष्ट्र के पश्चिम में अरबी समुद्र है। यहाँ के लोग मराठी भाषा बोलते हैं। कोकण प्रदेश भी महाराष्ट्र का ही एक भाग है। यहाँ की भाषा (कोकणी है। महाराष्ट्र के पश्चिम भाग में यह प्रदेश दक्षिणोत्तर फैला)
श्रीमुनिसुव्रत स्वामी चरित ५०
त स्वामी चरित ५०
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com