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रणभा
लेखक:
पं० परमेष्ठीदास जैन न्यायतीर्थ-सूरत ।
प्रकाशक:-- सिंघई मूलचन्द जैन मुनीम-ललितपुर (झांसी)
तथा
शा० साकेरचन्द मगनलाल सरैया-सूरत।
स्वि. सिंघई मौजीलालजी जैन वैद्य लितपुर और स्व०
शा० मगनलाल उत्तमच दनी सरैया सूरतकी स्मृति ___“जैनमित्र" और "वीर" के ग्राहकोंको भेट।]
प्रथमावृत्तिा
मल्प
वीर सं० २४६४. विक्रम सं. १९९४.
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