SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 34
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्रीजम्बूद्वीप-निर्माण-योजना [ सक्षिप्त परिचय ] ( 'पृथ्वी गोल नहीं है, एवं वह घूमती भी नहीं है' इस बात को विज्ञान एवं शास्त्रों के अकाट्य प्रमारणों से सिद्ध करने का अपूर्व प्रयास ) वर्तमान भूगोल सम्बन्धी धारणाओं के बल पर नवयुगीन शिक्षितवर्ग के मानस में स्वर्ग, नरक, पुण्य-पाप एवं प्रात्मवाद आदि बातों के प्रति श्रद्धा शिथिल होती जा रही है तथा 'पृथ्वी गोल है, पृथ्वी घूमती है, भारत और अमेरिका के बीच सूर्य के उदयास्त का अन्तर, ध्रुव-प्रदेश में छः छः मास के रात-दिन, चन्द्रलोक में स्पुतनिकों को पहुंच, मंगल, और शुक्र के प्रवास की योजना' आदि आधुनिक वैज्ञानिकों की कल्पनातीत बातों के आधार पर "जैन शास्त्रों की बातें कोरी कल्पना हैं" ऐसा कुतर्क उपस्थित हो रहा है। इस मिथ्याभ्रम को दूर करने तथा शासन, धर्म और शास्त्रों के प्रति सच्ची श्रद्धा स्थिर करने के लिये परम पूज्य प्रागमोद्धारक ध्यानस्थ स्वर्गत प्राचार्य श्रीमानन्द सागरजी महा० सा० के पट्टधर पूज्य गच्छाधिपति प्राचार्य श्रीमाणिक्य सागरजी महा० सा० के मंगल आशीर्वाद एवं उत्साह पूर्ण प्रेरणा को पाकर कपड़वंज Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034930
Book TitleKya Pruthvi ka Aakar Gol Hai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAbhaysagar
PublisherJambudwip Nirman Yojna
Publication Year1968
Total Pages38
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy