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________________ ( ११ ) कोरंटनगर भी अपनी प्राचीनता दिखाने में किसी प्रकार कम नहीं है। यह कसबा जोधपुर रियासत के बाली परगने में राजपुताना मालवा रेल्वे के एरनपुरा स्टेशन से १२ माइल पश्चिम में आबाद है, जो इस समय एक छोटे गामड़े के रूप में देख पड़ता है। इस पवित्र स्थल का नमस्करणीय उल्लेख किया गया है। आचार्य श्रीजिनप्रभसूरिजीने अपने अति महत्व के ग्रन्थ 'विविधतीर्थकल्प' में सत्यपुरकल्प लिख कर इस तीर्थका और इसके संस्थापक का संक्षेप में पूरा इतिहास लिखा है। उससे जान पडता है कि वीरनिर्वाण के बाद ६०० वर्षे श्रीजजगरिजी के उपदेश से परमार राव नाहड़ने यहाँ मव्य मन्दिर बनवा कर, उसमें धातुमय महावीर प्रतिमा विराजमान की । कविवर पं० धनपालने भी इस प्रभावशाली तीर्थ का 'सत्यपुर महावीर-उत्साह' रच कर इसको नमस्कार किया है। ? यह गोडवाड में जोधपुर-स्टेट की हुकुमत का सदर स्थान है जो बी. बी. एन्ड. सी, आई रेल्वे के फालना स्टेशन से ५ माइल दूर है। इसका क्षेत्रफल ८३४ वर्ग-मील, और जनसंख्या ६६००५ मनुष्यों की है जो सन् १९२१. इस्वी की गणनानुसार समझना चाहिये । Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034926
Book TitleKortaji Tirth ka Itihas Sachitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYatindravijay
PublisherSankalchand Kisnaji
Publication Year1930
Total Pages138
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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