SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 31
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (१८) प्रसिद्ध हुए, और या तो स्वयं नील महानील ने ही या उनके किसी वंशज ने तेरापुर की प्राचीन गुफा बनवाई । इतिहास में पता नही चलता कि इस वंश का राज्य तेरापुर में कर रहा । वह बहुत प्राचीन काल में रहा होगा । इससे भी उन गुफाओं के पार्श्वनाथ के तीर्थ में बनने की बात अयुक्ति-संगत सिद्ध नहीं होती। जिस पार्श्वनाथ की मूर्ति को करकण्डु ने पहाड़ी के ऊपर वामी में से निकालकर गुफा में स्थापित की उस के सम्बंध में कहा गया है कि दो अन्य विद्याधर उसे मलयदेश में पूदी पर्वत पर रावण के एक वंशजद्वारा बनवाये हुए जिन मंदिर से लाये थे । यह पूदी पर्वत सम्भवतः वर्तमान मलावार के अन्तर्गत पोदियल नाम की पहाड़ी ही होगी। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034918
Book TitleKarkanda Chariu
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKankamar Muni
PublisherKaranja Jain Publication
Publication Year1934
Total Pages364
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy