________________
सादर समर्पण
जिस महापुरुष ने इस पावन तीर्थ का पुनर्प्रकाशन किया
जिन के अमर संदेशों ने सेवकों को उठने में प्रेरणा दी
जिन के आशीर्वाद से । हम ने बढ़ने का साहस किया
जिन का पवित्र नाम ले कर हम सफलता की राह में बढ़ रहे हैं
उन प्राणाधार स्व गुरुदेव भगवान श्रीमद् विजयवलभ सूरीश्वर जी महाराज
के पवित्र कर कमलों में यह पुष्पाञ्जलि सादर समर्पण करता हूँ जय वल्लभ ! जग वल्लभ ! विश्व वल्लम !
शान्तिलाल जैन
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com