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( ३६ ) हैं । ला० रत्नचन्द ऋषभदास जैन सराफ होश्यारपुर हमें आर्थिक सहायता से विशेष उत्साहित करते चले आ रहे हैं । ला० बाबू राम जी जैन सराफ होश्यारपुर वालों ने भी तीर्थ सम्बन्धी सेवाओं में विशेष योग दिया है । ला० मस्तराम जो जैन बजाज ने अपनी पूज्य माता श्रीमति इन्द्रकौर की याद में कुछ चाँदी के बर्तन, तल की ५० सुन्दर रकाबियां तथा ५० कौलियाँ भेंट की हैं और प्रति वर्ष पूजा की सब मोटी सामग्री केसर, धूप, कपूर, इतर, चाँदी के वर्क तथा अंगलूहूने आदि कई वर्षों से देते आ रहे हैं और आजीवन देते रहने का विश्वास दिला चुके हैं । पूज्य ला. मुन्शीराम जी (हमारे मान्य पण्डित जी) कांगड़ा तीर्थ के बड़े प्रेमी हैं और शुरु से ही इनका आशीर्वाद हमें प्राप्त रहा है । हमारे वयोवृद्ध मान्य उस्ताद जी श्री बृजलाल जी (बी० ऐल) हमारी समाज के पुराने संगीतकार हैं जिनके रचित कांगड़ा प्रेम से भरपूर कुछ गाने इसी पुस्तक में दिये जा रहे हैं, कांगड़ा तीर्थ के बड़े प्रेमी हैं और प्रति वर्ष यात्रा में शामिल होकर अपने मनोहर संगीत से जनता को आनन्दित करते चले आ रहे हैं।
और इसी प्रकार और भी युवक तथा मान्य सज्जन हैं जिनके अपार प्रेम से हम नित्य सफलता प्राप्त कर रहे हैं। उनका सच्चा प्रेम ही उनका यशोगान है। दूसरे शहरों से भी हमें अच्छा सहयोग मिल रहा है। जिन में नारोवाल वाले ला० धर्मचन्द गुलजारी लाल, पूर्णचन्द तथा रत्नचन्द जी वकील बटाला निवासी आदि प्रेमी महानुभावों के नाम विशेष उल्लेखनीय हैं जो कि तन, मन और धन से प्रेम-पूर्वक कई वर्षों से हमें सहयोग देते चले आ रहे हैं।
इस तरह अपने प्रेमी महानुभावों के सहयोग से तथा देव-गुरु की अपार कृपा से हम अपने पथ पर बराबर आगे बढ़ रहे हैं । अब तो पंजाब से बाहर कहीं दूर दूर से बम्बई, जयपुर, मुरादाबाद, आगरा Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com