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नहीं जाना होगा जिससे ऐसे व्यक्तियों द्वारा अपने सम्मान में बाधा न आ सके ।
(७) रात्रि के समय बिना पूछे दूसरों के घर नहीं जाना होगा ताकि लोगों को व्यर्थ ही टीका टिप्पणी करने का मौका न मिले !
ये सात प्रतिज्ञायें तुम्हें स्वीकार करना चाहिए | इन बचनों में गाईस्थ्य जीवन को सुखद बनाने की बातों का ही उल्लेख है । इनके पालन से घर में और समाज में पत्नी का स्थान आदरणीय बनेगा ।
इन प्रतिज्ञाओं को कन्या अपने मुंह से निसंकोच होकर कहे और स्वीकार करे ।
कन्याद्वारा वर के प्रति सात वचन |
(१) मेरे सिवाय अन्य स्त्रियों को माता, बहन और पुत्री के समान मानना होगा अर्थात् परस्त्री सेवन का त्याग और स्वस्त्रीसंतोष रखना होगा।
(२) वेश्या, जो परस्त्री से भित्र मानी जाती हैं उसके सेवन का त्याग करना होगा ।
(३) लोक द्वारा निंदनीय और कानून से निषिद्ध द्यूत (जुना) नहीं खेलना होगा ।
(४) न्याय पूर्वक धन का उपार्जन करते हुए वस्त्र आदि से मेरा रक्षण करना होगा ।
(५) आपने जो अपने बचनों में मुझसे अपनी प्रशा मानने की प्रतिज्ञा कराई है उस संबन्ध में धर्मस्थान में जाने
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