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________________ १५६ जैनरत्न ( उत्तरार्द्ध) और दिगंबर जैनधर्मका पालन करते हैं । इनका ब्याह इनकी बारह बरसकी उम्रमें हुआ था। __बुढेलवाल जातिके प्रमुख कुटुंबोंमेंसे मोदी कुटुंब एक है। इस कुटुंबकी जनसंख्या बुढेलोंमें सबसे अधिक है । जसवंतनगरके जैनोंमें यह कुटुंब प्रमुख और राजमान्य है। ___ इनके चाचा लाला मगनीरामजी डिस्ट्रिक्ट बोर्ड के मेम्बर व असेसर थे। लाला भजनलालजी व मगनीरामजीने रथयात्रा और वेदी प्रतिष्ठा कराई थी। तीर्थक्षेत्र कम्पिलमें दिगंबरजैनधर्मशालाके लिए जगह खरीदनेमें दोनों भाइयोंने अच्छी रकम दी थी। __ लाला शिवचरणलालनी ग्राम्य पंचायतके, प्रजाकी ओरसे चुने हुए मेम्बर हैं । जसवंतनगरके अस्पतालके चंदेमें इन्होंने एक हजार रुपये दान दिये थे। ये श्री भारतवर्षीय दिगंबर जैन परिषदकी प्रबंधकारिणी समितिके मेम्बर हैं । सामाजिक एवं धार्मिक कार्योंमें ये खूब भाग लेते हैं। इनका मुख्य रोजगार जमींदारी है। जसवंतनगरमें 'मेसर्स भजनलाल मगनीराम जैन' नामकी फर्म भी है। जिसमें थोक कपड़े और सराफीका रोजगार होता है । जसवंतनगरके अंदर बुने हुए कपड़ेकी आढत भी फर्म करती है। लाला शिवचरणलालनी उदार और प्रगतिशील विचारोंके सज्जन हैं। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034871
Book TitleJain Ratna Khand 01 ya Choubis Tirthankar Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnalal Varma
PublisherGranth Bhandar
Publication Year1935
Total Pages898
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size96 MB
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