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________________ ४५२ जैन-रत्न १ नमिनाथजी २१ नेमिनाथजी २२ पार्श्वनाथजी २३ महावीर स्वामी २४ လွင့် |९ हाथ २ आसोज सुदि १५ कार्तिक वदि १२ चेत वदि ४ आषाढ सुदि ६ ३ प्राणत देवलोक अपराजित प्राणत प्राणत ४ मथुरा सौरीपुर बनारस क्षत्रीकुंड ५ श्रावण वदि ८ श्रावण सुदि ५। पोस वदि १० चेत वदि १३ ६ विजय समुद्रविजय अश्वसेन सिद्धार्थ ७विप्रा शिवादेवी वामादेवी त्रिशलादेवी ८ अश्विनी चित्रा विशाखा उत्तरा फाल्गुनी ९मेष कन्या तुला कन्या १० कमल शंख केशरीसिंह १११५ धनुष दस धनुष ७ हाथ १२/१० हजार बरस १ हजार बरस । १ सौ बरस ७२ बरस १३/पीला रंग श्याम वर्णा नीला वर्ण पीला वर्ण १४ राजा कुमार कुमार कुमार १५ विवाहित अविवाहित विवाहित विवाहित १६ एक हजार १ हजारके साथ ३ सौके साथ १७/मथुरा सौरीपुर बनारस क्षत्रीकुंड १८ दो उपवास दो उपवास दो उपवास दो उपचास १९क्षीर क्षीर क्षीर क्षीर २० दिनकुमारके घर वरदिनके घर धन्यके घर बहुल ब्राह्मणके घर २१ दो दिन दो दिन दो दिन दो दिन २२ आषाढ वदि ९ श्रावण सुदि ६ । पोस वाद ११ मागसर वदि ११ २३९ महीने चौपन दिन चौरासी दिन बारहबरस ६॥ मा. २४ मथुरा गिरनार बनारस ऋजुबालुका नदी २५/दो महीने तीन उपवास तीन उपवास दो उपवास २६ बकुल वृक्ष वेडस वृक्ष धातकी वृक्ष साल वृक्ष २७मगसर सुदि ११ आसोज वदि ३० चैत्र वदि ४ वैशाख मुदि १० Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com अकेले
SR No.034871
Book TitleJain Ratna Khand 01 ya Choubis Tirthankar Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnalal Varma
PublisherGranth Bhandar
Publication Year1935
Total Pages898
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size96 MB
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