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________________ ४५० जैन-रत्न | कुंथुनाथजी १५ | अरनाथजी १८ | मल्लिनाथजी १९ | मुनिसुव्रतजी २० मथुरा श्रवण मेष राजा २ श्रावण वदि ९ फाल्गुन सुदि २ फाल्गुन सुदि ४ श्रावण सुदि १ ३ सर्वार्थसिद्धि सर्वार्थसिद्धि जयंत विमान अपराजित विमान ४/गजपुर गजपुर राजगृही ५ वैशाख वदि १४ मार्गशीर्ष सुदि १० मगसर सुदि ११ जेठ वदि ८ ६सूरराजा सुदर्शन कुंभ राजा सुमित्र ७श्रीराणी देवीराणी प्रभावती पद्मावती ८ कृत्तिका नक्षत्र रेवती नक्षत्र अश्विनी ९वृष मीन मकर १०बकरा नंदावर्त कलश कछुआ ११३५ धनुष ३० धनुष २५ धनुष २. धनुष १२९५ हजार वर्ष ८४ हजार वर्ष ५५ हजार बरस ३० हजार बरस १३ स्वर्णसा स्वर्णसा नीला श्याम १४ चक्रवर्ती चक्रवर्ती राजकुमार १५विवाहित(६४ह.स्त्रि.) विवाहित(६४६.नि.) अविवाहित विवाहित १६१ हजारके साथ |१ हजारके साथ ३ सौ |१ हजार १७गजपुर गजपुर मिथिला राजगृही १८दो उपवास दो उपवास तीन उपवास दो उपवास १९क्षीर क्षीर क्षीर २०व्याघ्र सिंहके घर अपराजितके घर विश्वसेनके घर ब्रह्मदत्तके घर २१दो दिन दो दिन दो दिन दो दिन २२ चेत वदि ५ मगसर सुदि ११ मगसर सुदि ११ फाल्गुन सुदि १२ २३/१६ बरस ३ बरस एक दिन रात ११ महीने २४ गजपुर गजपुर मथुरा राजगृही २५/दो उपवास दो उपवास दो उपवास दो उपवास २६/भीलक वृक्ष (९) आमका पेड अशोक वृक्ष चंपक वृक्ष २७/चेत मुदि ३ कार्तिक सुदि १२ मगसर सुदि ११ फाल्गुन वदि १२ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com क्षीर
SR No.034871
Book TitleJain Ratna Khand 01 ya Choubis Tirthankar Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnalal Varma
PublisherGranth Bhandar
Publication Year1935
Total Pages898
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size96 MB
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