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________________ ४४४ १ श्री सुमतिनाथजी ५ श्री पद्मप्रभजी ६ श्री सुपार्श्वनाथजी ७ श्री चंद्रप्रभुजी ८ २ श्रावण सुदि २ ३ वैजयंत विमान ४ अयोध्या वैशाख सुदि ८ ६ मेघराजा ७) मंगला ८ मघा ९) सिंह १० क्रोंच पक्षी -११ ३ सौ धनुष १२ ४० लाख पूर्व १ ३ | सुवर्णसा १४ राजा १५ विवाहित १६१ हजार १७ अयोध्या १८ नित्यभुक्त १९ क्षीर २० पद्मके घर २१ दो दिन २२ वैशाख सुदि ९ २३ २० बरस २४ अयोध्या २५ दो उपवास : २६ साल वृक्ष २७ चैत्र सुदि ११ जैन - रत्न माघ वदि ६ नव ग्रैवेयक कोसांबी कार्तिक वदि १२ श्रीधर राजा सुसीमा चित्रा कन्या पद्म (कमल) ढाई सौ धनुष | ३० • लाख पूर्व लाल राजा विवाहित ११ हजार कोसांबी भाद्रवा वदि ८ छठा ग्रैवेयक बनारस जेठ सुदि १२ प्रतिष्ठ राजा पृथ्वी विशाखा तुला साथिया २ सौ धनुष २० लाख पूर्व सुवर्णसा राजा विवाहित १ हजार बनारस एक उपवास २ उपवास क्षीर क्षीर सोमसेन के घर माहेन्द्र के घर दो दिन दो दिन कार्तिक वदि १३ ज्येष्ठ सुदि १३ ६ महीने ९ महीने कोसांबी चौथ भुक्त बनारस दो उपवास | सरीस वृक्ष फाल्गुन वदि ६ छत्र वृक्ष चैत्र सुदि १५ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat चेत वदि ५ वैजयंत चंद्रपुरी पोस वदि १२ | महासेन राजा लक्ष्मणा | अनुराधा वॄश्चिक चंद्रमा १५० धनुष १० लाख पूर्व | श्वेत राजा विवाहित १ हजार चन्द्रपुरी २ उपवास क्षीर सोमदत्तके घर दो दिन पोस वदि १३ ३ महीने चन्द्रपुरी २ उपवास नाग वृक्ष फाल्गुन वदि ७ www.umaragyanbhandar.com
SR No.034871
Book TitleJain Ratna Khand 01 ya Choubis Tirthankar Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnalal Varma
PublisherGranth Bhandar
Publication Year1935
Total Pages898
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size96 MB
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