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पालापुर दरबारी न्यायाधीशे बाहार पामी हती, परंतु तेनी एक नकल हालमां नहीं मलवाथी ते पूज्यपाद गुरुराजना परिवार मंगलनी आज्ञानुसा रतेनी बीजी आवृ मोए बाहार पामेलोबे.
आवा उपयोगो महान ग्रंथ अमारी सना तरफ बहार प तेमां मोने मोटुं मान बे जेथो तें बाबतमां मोने आज्ञा आपनार एम दान गुरुराजना परिवार मंगलनो अमो नपकार मानवो या स्थले नून जता नम्रो.
बेवटे आ ग्रंथनो प्रथम आवृतो प्रकट करावनार राजेश्री गोरधरलाल हीरानाइए अमारी सना तरफथी बोजी आवृती प्रकट करवानी आपेल मान नरेलो परवानगो माटे तेनुनो पल उपकार मानीए बीए,
आ ग्रंथ बपावतांना दरम्यान कच्छ मोटी खाखरना रेहेनार शेठ रणसीनाइ तेमज रवजी नाइ तथा नेणसीनाइ देवराजे तेनी सारी संख्यामां कोपोन लेवानो इच्छा जलाववाथी श्रावा ज्ञान खाताना कार्यना उत्तेजनार्थे श्रा तेनए क
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