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२४६ क मत ६ पीछे बौड़मत ७ पीछे वैशेषिक मत G पीने शैव मत ए पोडे वामीयोंका मत १० पीछे रामानुज मत ११ पीछे मध्व १२ पीछे निंबार्क १३ पोडे कबीर मत १३ पीछे नानक मत १५ पीले वल्लन्न मत १६ पीने दाउमत १७ पीले रामानंदोयोंका मत १७ पीने स्वामिनारायणका मत १ए पी ब्रह्म समाज मत २० पी आर्या समाज मत दयानंद सरस्वतोने स्थापन करा.११ इस कथनमें जैनमतके शास्त्र १ वेदनाष्य २ दंत कथा ३ इतिहास के पुस्तकादिकोंका प्रमाण है ॥ इत्यलम् ॥ अहमदावादका वासी और पालणपुरमें न्यायाधीश राज्याधिकारी श्रावक गिरधरला ल होरालाइ कतकितनेक प्रश्न तिनके नुत्तर पा लिताणेंमें चार प्रकार महा संघके समुदायने आ चार्य पद दत्त नाम विजयानंद सूरि अपर प्रसिः नाम आत्माराम मुनि कृत समाप्त हुएहै । इन सर्व प्रश्नोत्तरों में जो वचन जिनागम विरुइ नूल में लिखा होवे तिसका मिथ्या :कृत देताहुं । सर्व सुइ जन भागमानुसार सुधारके लिख दोजो,
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