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हाट, सन्नायान पात्र गामे वाहिनीये सर्व अलग अलग पांचसो पांचसौ रक. ग्यारेसो हाथी११००, पंचास हजार ५०००० संग्रामी रथ, ग्यारे लाख ११००००० घोमे, अगरह लाख १001000 सुन्नट. ऐसें सर्व सैनका मेल रस्का. ५ उठे वृतमें वर्षाकालमें पट्टनके परिसरसे अधिक नही जाना ६ सातमें लोगोपनोग वृतमें मद्य, मांस, मधु, प्र कण, बहुबीज पंचोई बरफल, अन्नक, अनंतका य, घृत पूरादि नियम देवताके विना दीना वस्त्र, फल आहारादि नही लेनां. सचित्त वस्तुमें एक पानकी जाति तिसके बीमे पाठ, रात्रिमें चारों
आहारका त्याग. वर्षाकालमें एक घत विकृती लेनी, हरित शाक सर्वका त्याग. सदा एकाशनक करना, पर्वके दिन अब्रह्मचर्य सर्व सचित विगय. का त्याग ७ आठमें वृतमें सातों कुव्यसन अपने देशसे काढ देने, 5 नवमें तृतमें नन्नय काल सामायिक करना, तिसके करे हुए श्री हेमचंद्रसूरिके विना अन्य जनसे बोलनां नही. दिनप्रते १५ प्र. काश योग शास्त्रके २० वीस वीतराग स्तोत्रके प
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