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मियोको एक करोम दीनार देने, ऐसें चौदह वर्ष में चौदह करोम दोनार दोने ५ अगनवे लाख ए७ रूपक नचित दान में दीने, बहत्तर ७२ लक्ष रूपक व्यके पत्र निसंतान रोनेवालीके फामे ७ इक्कीस २१ कोश (ज्ञाननंडार) लिखवाए - नित्य प्रतें श्री त्रिनुवनपाल विहार (जो कुमारपालने गन वे ए६ करोम रूपकके खरचसे जिन मंदिर बनवाया था) तिसमें स्नात्रोत्सव करना ए श्री हेमचंसूरिके चरणोंमे द्वादशावर्त वंदन करना १० पीने क्रमसे सर्व साधुयोको वंदन करनां ११ जिस श्रावकने पहिला पोषधादि व्रत करे होवे तिसको वंदन, मान, दानादि करनां १२ अगरह देशोमे अमारीपटह कराया १३ न्याय घंटा बजानां १४ और अगरह देशोके सिवाय अन्य चौदह देशोमें धनबलसें मैत्रीबलसें जीव रक्षाका कराना१५ चौदहसौ चौतालोस १५४४ नवोन जिन मंदिर बनवाए १६ सोलेसौ १६०० जीर्ण जिन मंदिरोका नुहार कराया १७ सातवार तीर्थ यात्रा करी १७ ऐसे अम्यक्तकी आराधना करी ॥ पहिले व.
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