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टुकमे करीये, तब एक टुकमा एक नत्सेघांगुल प्रमाण चौका और एक नत्सेधांगुल प्रमाण जामा (मोटा) और चार सौ नत्सेघांगुलका लंबा होता है, ऐसाही दूसरा टुकका होता है, और तीसरा टुकमा एक नत्सेवांगुल प्रमाण चौमा और इतनाही जामा (मोटा ) और दोसो उत्सेधांगुल प्र मारा लंबा होता है, अब इन तीनों टुकमोंकों क मसें जोमोये तब एक नत्सेघांगुल प्रमाण चोमो और एक नत्सेधांगुल प्रमाण जामी (मोटी ) और एक हजार नत्सेधांगुल प्रमास लांबी सूची होती है, अनुयोगद्वार में जो मूल पाठ हजार गुणी कहता है, सो इस पूर्वोक्त सूचीकी अपेक्षा से कहता हैं, परंतु प्रमाणांगुलका स्वरूप नही है, प्रमाणां जैसी ऊपर चारसौ गुण लिख आए है तैसी है, इस चारसौ गुणी प्रमाणांगुल से रुषनदेव भरत की अवगाहनादिका मापाहै, परंतु विनीता, द्वारकां, पृथ्वी, पर्वत, विमान, छोप, सागरोंका मापा हजार गुणी वा चारसौ गुणी अंगुलसें नही है, इन नगगे छोपादिकका मापा तो प्रमाणांगुल
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