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२१७ गुणा नत्सेध योजनसे प्रमाण योजन मानते है, तब तो विनीता ३६००० हजार कोस चौमी और UG000 हजार कोस लांबी सिाह होती है, इस कालके लोकतो इस कथनको एक मोटी गप्प स मान समझेंगे, इस वास्ते आपसे यह प्रश्न पूबते है कि जैनमतके शास्त्र मुजब आप कितना बमा प्रमाण अंगुलका योजन मानतेहो ?
न. जैनमतके शास्त्र प्रमाणे तो विनोता नगरी और दारकांका मापा और सर्व होप, समुझ, नरक, विमान. पर्वत प्रमुखका मापा जिस प्रमाण योजनसें कहाहै सो प्रमाण योजन नुत्सेधांगुलके योजनसे दश गुणा और श्री महावी रस्वामोके हाथ प्रमाणसे दो हजार धनुषके एक कोस समान (श्री महावीरस्वामीके मापेसें सवा योजन) पांच कोस जो क्षेत्र होवे सो प्रमाण यो जन एक होताहै, ऐसे प्रमाण योजनसे पूर्वोक्त विनीता जंबू घोपादिका मापाहै, इस हिसाबसे विनीता धारकांदि नगरीयां श्री महावीरके प्रमा के कोसोंसें चौमीयां ए पैतालीस कोस और
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