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बुद्धको मूर्ति अरु बुद्ध सर्वज्ञ नहीं था तिस विषयक ब्यान.
१४०-१४१-१४२ जनमत ब्राह्मणोके मतसे नही किंतु __ स्वतः अरु पृथक् है.
१४३ जैनमत अरु बुद्धमतके पुस्तकोंका मुकाबला. १४४-१४५ जैनमतके पुस्तकोंका संचय.
१९६-१४७ जैन आगम विषयक जैनीयोंकी बेदरकारी ___ अरु इसी लीये उनोंको ओलंभा. १४८-१४९-१५० जैनमंदिर अरु स्वधर्मि वत्सल करनेकी रीति. १५१ जैनमतका नियम सख्त अरु इसी लीये तिसके पसारेमें संकोच.
१५२ चौदपूर्व.
१५३ अन्य मतावलंबियोने जैनमतकी कीई हूई नकल
जैनमत मुजिब जगतकी व्यवस्था अष्ट कर्मका
ब्यान अरु तिसकी १४८ प्रकृतियोंका स्वरूप. महावीर स्वामिसे लेकर देवद्धिंगणि क्षमाश्रमण
तलक आचार्योकी बुद्धि अरु दिगंबर श्वेताबरसें पिछे हुवा तिसका प्रमाण.
१५५ देवदिगणि क्षमाश्रमण ने महावीर भगवानकी पट्टपरंपरासें चला आता इनको पुस्तकोपर आरुढ कीया तिस विषयक व्यान मथुरांके प्राचीन लेख दिगंबर, लूंपक, ढुंढक अरु
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