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तिसने बोइमत चलाया, और यहनो कथन करा के सर्व पदार्थ कणिकहै, इस वास्त पाप पुन्यका कर्ता अन्यहै, और नोक्ता अन्यहै. यह सिांत कथन करा बौक्ष्मतके पुस्तकोमें ऐसानी लेखहै कि, बुधका एक देवदत्तनामा शिष्य था, तिसने बुधके साथ बुधकों मांस खाना बुझानेके वास्ते बहुत ऊगमा करा, तोनी शाक्यमुनि बुधनें मांस खाना न गेमा, तब देवदत्तने बुधकों गेम दीया, कब बुधने काल करा था, तिस दिनन्नी चंदनामा सोनीके घरसें चावलोंके बीच सूयरका मांस रांधा हुआ खाके मरणको प्राप्त हुआ. यह कथनन्नी बु. धमतके पुस्तकोंमें है; और स्वेतांबराचार्य साढेतीन करोम नवीन श्लोकोंका कर्ता श्री हेमचंसूरिजीने अपने रचे हुए योगशास्त्रके दूसरे प्रकाशकी वृत्तिमें यह श्लोक लिखाहै । स्वजन्मकाल एवात्म, जनन्युदरदारिणः मांसोपदेशदातुश्च, कथंशौद्धोदनेर्दया ॥११॥ अर्थ । अपने जन्म काल में ही अपनी माता मायाका जिसने उदर विदारण करा, तिसके, और मांस खानेके नपदेशके देने
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