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श्री विजय भुवनतिलकसूरीश्वर जैन ग्रंथमाला-३१ लब्धि-भुवनतिलक-भद्रंकरसूरि गुरुभ्यो नम :
+ सोलवीं शताब्दीके क
जगद्गुरु हीरसूरीश्वरजी
- : लेखक :
पूज्यपाद आचार्यदेव श्रीमद् विजयभद्रंकरसूरीश्वरजी महाराज के शिष्यरत्न मुनि पुण्यविजय
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: सहायक/- L. I. C. Agents. मद्रास के गुरुमन सुश्रावकोंके.1
(Near Select Talkies) तरफसे सोदर HRAMANIA HION
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