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हिमालय दिगदर्शन
तककी कड़ी चढाई शुरू होती है । यहांसे दो मील छोटी बीजनी तक पानी का भी कष्ट रहता है। यात्रीको चाहिये कि ये चढाई सुबह जल्दीसे पार करनेपर एक मीलकी साधारण चठाई तय करनी होगी, बादमें ३ भील तक उतार ही उतार होगा।
(६) बन्दरमेल चट्टी-यह चट्टी नीचे भागीरथीके किनारे हैं । यहां गरमी अधिक रहती है । यहांसे आगे कुछ सीधा मार्ग तय करने पर ०॥ मीलकी कड़ी चढाईका अनुभव करना पड़ता है, बादमें कुछ उतारके बाद सीधा रास्ता है । बीचमें प्याऊ रहती है।
(७) महादेव चट्टी- यहां शिव-पार्वतीका मन्दिर है यहाँका स्थान अच्छा है।
. (८) काण्डी चट्टी-यहाँकी बस्ती बड़ी है । यहाँ मोपालजीका मंदिर हैं। उसके सामने जामुन-वृक्षकी छायामें लम्बी तिपाई रक्खी है, उसपर थके-माँदे यात्री बैठकर विश्राम लेते है। यहां अस्पताल है। यहाँसे आगे करीब २॥ मील मानेपर o मील असाधारण उतार आती है, उतारके बाद भूला पार कर व्यासघाट जाया जाता है।
(९) व्यासपाट-यहाँ व्यास गंगा और भागीरथी का संगम है। व्यासजीका मंदिर है। बाजार ठीक है । यहाँ संगमपर स्नान होता है । यहाँ बाबा कालीकमली वालेकी
धर्मशाला और सदाबत है । व्यासजीका असल मंदिर आगे Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com