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यमुनोत्री
:९: यात्रियों के लिये ध्यान देने योग्य बातें
(१) उत्तरा खण्डकी यात्रा वैशाख महीने से आरम्भ होती है और महीने तक जारी रहती है। यमुनोत्री, गंगोत्री, केदार और बद्रीनाथके यात्री वैशाख शुक्ल तृतीयाको, गंगोत्री, केदार और बद्रीनाथके यात्री ज्येष्ठ वदि तृतीया को, केदार और बद्रीनाथ के यात्री ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया को, और बद्री के यात्री आषाढ़ बदि तृतीया को रवाना होते हैं।
(२) यात्रा लाईनमें अन्न बहुत महँगा मिलता है, मगर दुकानदारोंको खराब जिन्स बेचनेका अधिकार नहीं है, फिर भी जिन्स अच्छी न हो तो उसकी रिपोर्ट इलाका सफाई इन्स. पेक्टरके पास कर सकते है। यह बात खास ध्यानमें रक्खें कि व्यापारी लोगअपनी चट्टीमें विना चीज खरीदे ठहरने नहीं देते हैं। सो चार-आठ आनेका माल जरूर खरीदना होता है। माल खरीदनेसे पकाने वास्ते आवश्यक बर्तन बिना मूल्य लिये
(३) यात्रा के समय साधुके चोलेमें बहुधा चोर और जेबकटे यात्रियों के साथ हो जाते है और मौका पाकर चोरी कर लेते हैं। इस लिये यात्रिओं को चाहिये कि बहुधा होशियारीके साथ अपनी सफर करें ।
(४) यात्रियोंको उचित है कि सूर्योदयसे पहिले ही लगभग ४ चार बजे प्रातःकाल अपनी यात्रा प्रारम्भ कर दें और Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com