________________
[ ५१ ] किया जावेगा ? शाहने कहा कि जो इस वृक्षका करें वही मेरा भी करें, इस बातको सुन कर बादशाहने वहां अपने मनुष्यों को रखदिया तथा उनसे कह दिया कि तुम लोग प्रतिदिन देखते रहना कि यह ( शाह ) आम्रवृक्षका क्या करता है । इसके बाद संग्राम सोनी प्रतिदिन वहां आकर अपने पहिरनेके वस्त्र के धोने के जलसे उस आम्र वृक्षको सींचने लगा तथा उससे यह भी कहता रहा कि - हे आम्रवृक्ष यदि मैं स्वस्त्री - सन्तोष - व्रतमें दृढ चित्त हूंतो तुमको दूसरे आम्रवृक्षों से पहिले फलना चाहिये, नहीं तो खैर । इस प्रकार उसने उस वृक्षको ६ मास तक सींचा और इतनेमें ही वसन्त ऋतु आ गया, तब यह आम्र वृक्ष ( और वृक्ष की अपेक्षा ) पहिले ही फूला और फला संग्रामसोनोने उसके फलेको वादशाह के सामने उपस्थित - भेट कर दिया, बादशाहने कहाकि - ये किस जागा फल हैं ? तब शाहने कहा कि उस आम्रवृक्षके यह फल हैं, इस बातको सुन कर बादशाहने उन मनुष्योंसे सब बात पूछी, तब उन लो
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Unwaway.Sumatagyanbhandar.com