________________
[ ७ ]
( रैवताचल ) पर्वतपर हुए हैं । " उज्जितसेलसिंहरे दिख्खा नाणं निसिहिआ जस्स" इत्यार्ष वचनात् ।
श्री नेमिनाथजी के विषयमें लोकोक्तियें"
श्री नेमिनाथ स्वामीके नाम में 'नाथ' शब्दको देखकर और उधर अपने धर्ममें- गोरल-मच्छन्दरआदि नामों के साथभी नाथ शब्दको देखकर दर्शना न्तरीय लोग और और कल्पना करलें यहतो संतव्य है, परंतु किसी प्रसिद्ध इतिहास बेताने यदि ऐसी भूल करदी हो तो वह अक्षतव्य है.
|
"
टोड राजस्थान के अनुवादक पंडित ज्वालादत्त शर्मा लिखते हैं " टोड साहिब के मतानुसार चार बुध " माने गये हैं । साहिब कहते है कि यह चारों बुध एकेश्वरवादी थे । और उक्त धर्मका एशि" यासे लाकर भारतवर्षमें प्रचार किया था । उ" नके समस्त धर्मशास्त्र एक प्रकारकी शंकुशीर्षाकार “ वर्णमाला में लिखे हुए है । सौराष्ट्र- जैसलमेर
" और विशाल राज्यस्थानके जिस जिस स्थानमें
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Unwaway.Soratagyanbhandar.com