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'घंटाकर्ण-कल्प
॥ शत्रु उच्चाटनार्थ । शत्र विशेष प्रकार से पीडा पहुँचाता हो तो घंटाकर्ग मंत्र का विधि सहित चम्मालीस दिन में चम्मालीस हजार जाप पूर्ण करे पश्चिम दिशा में मुंह करके बैठे, पीले रंग के वस्त्र पहिने और प्रासन व माला भी पीले रंग का काम में लेवे, उत्तर क्रिया में सरसु. वेहड़ा, और कड़कर नेल का हवन किया जाय जिससे शत्रु भय राकर परास्त होगा और पीडा मिटेगी।
॥ पुत्र प्राप्त्यर्थ ॥
पुत्र प्राप्ति के लिये इक्कीस दिन तक त्रिकाल एक एक माला फेरे, और विशेष साधन में दश महिने तक माला फेरे, साधन करते समय चायुकोण-विदिशा की तरफ मुह करके बैठे सफेद वस्त्र प्रासन माला काम लेवे, उसर क्रिया में हवन नहीं बताया गया, इकीस दिन जाप करे तप साथ ही दशांग धूप की घटा रखे, तो पुत्र प्राप्ति हो, और दश महिने तक ध्यान स्मरण करने वाले को तो गया राज, गई लक्ष्मी वापस प्राप्त हो और सुख सौभाग्य यश कीर्ति संपादन हो।
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