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यदि आप व्यावहारिक, धार्मिक एवं औद्यौगिक शिक्षा के द्वारा अपने पुत्र को सशक्त एवं स्वाश्रयी बनाना चाहते हैं तो अपने बच्चों को जैन गुरुकुल व्यावर में भेजिये ।
प्रवेश की योग्यता--हिन्दी ३ या गुजराती ४ किताब पढ़े हुए, ८ से ११ वर्ष की उम्र के, निरोग, बुद्धिमान् बच्चे किसी प्रान्त या जाति के हों वे गुरुकुल में ७ वर्ष के वास्ते प्रविष्ट हो सकेंगे । मासिक रु० १०), ७) ५) यथाशक्ति भोजन खर्च देकर या फ्री भर्ती करा सकेगें।
आपका कर्तव्य गुरुकुल को हर प्रकार सहायता देना, मकान बनवा देना, स्थायी कोष बढ़ाना, अमुक मितियों का खर्च देना और अपने बच्चों को गुरुकुल में भेजना आपका कर्तव्य है । यदि आपकी सर्व प्रकार से सहानुभूति व सहायता होती रही तो थोड़े अर्से में ही जैन-गुरुकुल, ब्यावर जैन विद्यापीठ बन सकेगा।
पत्र-व्यवहार का पताः-- मंत्री, जैन-गुरुकुल, ब्यावर.
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