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विषयानुक्रम
विषय.
१ धर्मकी प्राचीनता और उदारदिलसे धर्मकी गवेषणा.
५ दर्शनों के परस्पर मतभेद. ३ वेदानुयायी मतों का निरीक्षण. ४ वेद के हिंसादिप्रतिपादक वाक्य.... ५ वेद के कर्त्ता सम्बन्धी विचार. ६ हिंसा प्रतिपादक मनु के श्लोक. 9 असर्वज्ञों से वेदो का प्रादुर्भाव. ८ ऋग्वेद संहिता का हिंसाप्रतिपादक वाक्य. ९ नास्तिकमत का खण्डन.
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१० बौद्धमत भेदोंकी समीक्षा. ११ ' नास्तिक' शब्द का अर्थ. १२ बौद्ध व जैन दर्शन का अत्यंत पार्थक्य.... १३ नैयायिक व बौद्ध दर्शन में एकसरीखी मिलती हुई
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बातें.
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१४ जैन दर्शन के अटल लक्षण स्याद्वाद का निरूपण. १५ जीवादि नौ तत्त्वों का निवेदन. १६ मुक्तिका स्वरूप और उस दशा में अद्वैत सुखकी सिद्धि. ४२ १७ प्रत्यक्ष व परोक्ष प्रमाण का दिग्दर्शन. १० नय व सप्तभङ्गी .. १९ सप्तभंगी की गहनता. २० काल के भेदानुभेद. २१ धर्मोपदेशक - तीर्थंकर का परिचय..... २२ जैन शास्त्रों के मादुर्भाव का विशुद्ध मूल...
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