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________________ LEVINODNESDESDeogarl स्तवन अपिडा. ॥ स्तवन १२ मुं श्री नमिनाथजी । ॥ अनिनव ज्ञान नणो मुदारे लाल ॥ ए देशी ॥ नमि जिनपति गुण गाएरे लाल, पाश्ए जीव गुण झानरे ॥ ९ वारी लाल ॥ निज शुद्ध रूप निहाळीएरे साल, कीजीये उपयोगे ध्यानरे ॥ हुँ वारी लाल ॥ नमि जिनपति गुण गाएरे लाल ॥ ए आंकणी ॥ गाथा ॥१॥ ७ पर्यायमय उच्य एकतारे लाल, उपजे वीणसे अने ध्रुवरे । ॥ हुं वारी० ॥ पर्यायें उपजेने वीणसेर लाल, द्रव्ये ध्रुव स-6 दीवरे ॥ हुँ वारी० ॥ नमि०॥२॥ ए त्रण लक्षण षट जाणीयेरे लाल, एक जीव पांच अजीवरे ॥ कुंवारी० ॥ स्व नाव पर्याये चउ शुद्धतारे लाल, बे विनावे पुद्गल जीवरे ३॥ हुंवारी० ॥ नमि० ॥ ३ ॥ पुद्गल शुद्ध परमाणुउरे लाल, मीले विखरे खंध अशुद्धरे ॥ ढुं० ॥ जीव संसारी कर्मबंधर धीरे लाल, गति पर्यायें अशुद्धरे ॥ हुं० ॥ नमि० ॥॥ गति (पर्याय ते काया सहीरे लाल, जोग इंखिए पर नावरे॥हुं॥ र तेना संगे उपयोगी चेतनारे लाल, रागद्वेष परिणमे वि नावरे ॥ हुं० ॥ नमि० ॥ ५ ॥ ए संसार स्थिर कारण सहीरे लाल, परनाव तेह निमित्तरे ॥ ढुंवारी० ॥ उपादान रागडेष चेतनारे लाल, तेथी कर्म बंध सदीव अहितरे ॥ हुँ ॥ नमिः ॥ ६ ॥ ए परसंगे संसार दाखीयोरे लाल, हवे ] @ निज संगे शिवपुर जायरे॥ हुं० अनुन्नव योगे वर्गुबुरे लाल, १ स्थिरता मनवच कायरे ॥ हुं० ॥ नमि० ॥ ७॥ जोग इंति धारे हुश् चेतनारे लाल, ए उपयोग अशुद्ध अनादरे ॥हुं० werGGranardarGGrearrorecordGGAR ( २५५) Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034802
Book TitleDharm Pravarttan Sara Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSurchandbhai Swarupchand Shah
PublisherRatanchand Laghaji Shah
Publication Year1910
Total Pages344
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size15 MB
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