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________________ nePregree શ્રી ધર્મ પ્રવર્તન સાર. १) देवमारे ॥ बाकी हुंम सवे गतीए दाख्यां लाल ॥ पापोह ट्र दय० ॥२०॥ वर्ण चतुष्क उदय थकीरे ॥ अशुन्न रस 2) वर्णी काया लाल ॥ स्वास परसेवो पूर वासनारे ॥ अम नोज्ञ फर्स कहाया लाल ॥ पापोदयम् ॥ २१॥ असुन्न वि & हायो गतिने उदेरे ॥ पामे उंट खर जेसी चाल लाल ॥ है पग घसाय दोय पाबलारे ॥ टिचाय अन्यो अन्य एसो ६ ख्याल लाल ॥ पापो० ॥ ॥२२॥ जपघात नाम कर्म उदय , थकीरे ॥ न्युनाधिक अंगथी पिमाय लाल ॥ चोर दंत पर 6 जीन्नि रसो लीयेरे ॥ पथरिए पामे खलना काया लाल ॥ पापोदयः ॥ २३ ॥ थावर नाम कर्म उदय थकीरे ॥ एके-4 जी बादर थाय लाल ॥ पृथ्वी, जल, अग्निने, वायुमारे ॥ 3 प्रत्येक वनस्पतीकाय लाल ॥ पापोदय० ॥ २४ ॥ सूक्ष्म हूँ नाम कर्म उदय थकीरे ॥ सूक्ष्म स्थावर चौ होवे लाल ॥ दृष्टीगोचर काया नहीरे ॥ लोक व्यापी ते ज्ञानी जोवे लाल ॥ पापोदयः ॥ २५ ॥ अपर्याप्तो नाम उदय थकीरे॥ २ पर्याप्ति पुरी न होवे लाल ॥ लब्धि अपजतो मरे तीहारे॥ आरंज्यु जीवक ए खोवे लाल ॥ पापोदय० ॥ २६ ॥ साधारण नाम उदय थकीरे ॥ उपजे निगोदनी मांही लाल ॥ ६ सूक्ष्म बादर दोय नेद एरे ॥ काय स्थिती अनंत काळ । त्यांही साल ॥ पापोदयः ॥२७॥ अस्थिर नाम कर्म उदय | थकीरे ॥ कान, पापण, जीन प्रमुख लाल ॥ अंगे अवयव , जे चपळतारे ॥ स्थिर न होवे ध्रुव एसी रुख लाल ॥ पापो० ॥ २७ ॥ अशुन्न नाम कर्म उदय थकीरे ॥ AGRIGBareinBER GenerGGGrana.Gran.COIDS. PreeMaureMOREMORS Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034802
Book TitleDharm Pravarttan Sara Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSurchandbhai Swarupchand Shah
PublisherRatanchand Laghaji Shah
Publication Year1910
Total Pages344
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size15 MB
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