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८५ जाये हुवे पार्थनाथें आचार्य , सूरीजीए. एल राजाने जावोकु करगयें देवीन तुममी
आये हुवे : पार्थनाथजीने आचार्यने मूरिजीने एलच राजाने जीवोकुं कीया देवीने
- तुंभी
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करक प्रकारक
आपे परमारें
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नामस और
में-भाव विजय करके प्रकार आपन परमारने नामसें तथापि अतएव १२४ पहि कराना संवत् मार्थना
११४
१२
करना २२
सवत् १२४
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