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ठहरने के स्थानों व यातायात संबंधी सूचनाएं
(र्शनार्थ जानेका कम-कंदोईयों के बाजार से वासुपूज्य मंदिर की गली से सीधी सड़क भांडासरजी वहां से लौटती हुई सीधी सड़क से सुराणों की गुवाड़ होकर आचायों का चौक ) अंटियों, साथियों की गली होकर नाहटों की गवाड़ फिर बोरों की सेरी होकर रांगड़ी से कोचरों की गवाड़, वहां से बीदासर बारी होकर गंगाशहर रोड़, फिर गोगादरवाजा से बेगाणियां और कोठारियों की गवाड़ होकर रांगड़ी चौक में ।
(२) बीकानेर स्टेशन के सामने धर्मशाला मोहतों की है । यहां सर्व साधारण ठहर सकते हैं ।
(३) रांगड़ी के चौक में भी एक साधम शाला है जहां साधनों भाईयों के ठहरने का स्थान है | स्टेशन से तांगा, इक्का की सवारी सब जगह के लिए तैयार मिलती हैं । (४) पार्श्वचरंजी, रामलालजी की दादावाड़ी दूगड़ों की दादाबाड़ी, कोचरों की बोची, रेल दादाजी व नाटों की बगेची में भी बड़े यात्रियों के लिए ठहरने का स्थान है |
(५) बीकानेर शहर के अलावा ये ग्रास पास की यात्रा बीकानेर पंच तीर्थी कहलाती है ।
(६) नाल के लिए बीकानेर रेलवे स्टेशन से लोरी जाती श्राती है। घोड़ा गाड़ी (तांगा इक्का) भी जाता है । बीकानेर स्टेशन से नाल को रेल गाड़ी भी जाती श्राती है पर स्टेशन से कुछ दूर रहता है इसलिए लोरी या तांगे में सुविधा रहती है।
(७) उदरामसर गाँव के जाने माने के लिए भी रेलवे स्टेशन पर लोरियां खड़ी
रहती हैं ।
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