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( १४ ) और मुरलीमनोहर के मंदिर के सामने ही यह मंदिर है। यहां की मूलनायक पार्शनाथ प्रतिमा सं० ११७१ में जिनदत्तसूरि प्रतिष्ठित सुंदर और सप्रभाव है। __५ पार्श्वनाथ मंदिर- महावीर सेनेटोरियम
भीनासर और उदरामसर के मध्यवर्ती धोरा पर अवस्थित मैरूंदत्तजी प्रासोपा द्वारा स्थापित महावीर सेनेटोरियम में यह मंदिर है ।
६ कुंथुनाथ देरासर-उदरामसर बीकानेर से ७ मील दूरवर्ती उदरामसर के बोयरों के बास में उपाश्रय के ऊपर तल्ले में यह मंदिर है।
७ जिनदत्तसूरि दादावाड़ो-उदरामसर
यह उदरामसर गांव से लगभग १ मील पर है। जिनदत्तमूरिजी की चरण पादुकाएँ सं० १७३५ में बनाई गई। इस दादावाड़ी का जीर्णोद्धार सं० १८८३ में हुआ। सं० १८८४ से प्रति वर्ष भादौ सुदी १५ को यहाँ मेला भरता है। दादा गुरू जिनदतपूरिजी के चरण बड़े चमत्कारी है।
८ पार्श्वनाथ मन्दिर-शिवबाड़ी बीकानेर से पूर्व-उत्तर दिशा में चार मील दूर शिवबाड़ी ग्राम है। यहां पार्श्वनामजी का मंदिर लालेश्वर महादेवजी के मंदिर के सामने सं० १९३८ में यति सुगनजी के उपदेश से महाराजा डूंगरसिंहनी ने बनवाया । सावण सुदी १० को यहां एक बड़ा मेला मरता है। पास के बगीचे में एक बड़ा तालाब है और लालेश्वर महादेव के मंदिर में एक बावड़ी है। अर्षा होने पर यहां बड़ी रौनक रहती है।
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